व्यंजन (व्याकरण) || Vyanjan in Hindi || Consonant in Hindi || Hindi Grammar
व्यंजन
स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण 'व्यंजन' कहलाते हैं। व्यंजनों की संख्या 33 मानी जाती है।
नोट : द्विगुण व्यंजन ड़, ढ़ को जोड़ देने पर इनकी संख्या 35 हो जाती है।
हिन्दी के व्यंजन
क ख ग घ ङ
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ ण
त थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व श
ष स ह क्ष त्र
ज्ञ
व्यंजन याद कैसे करे
व्यंजन याद करने का यह तरीका सरल और सरस है :
व्यंजन बच्चे ऐसे बोले
क(KA) कबूतर
ख(KHA) खरगोश
ग(GA) गमला
घ(GHA) घड़ी
ड़(NGA) -
च(CHA) चरखा
छ(CHHA) छतरी
ज(JA) जग
झ(JHA) झंडा
ञ(NJA) -
ट(TA) टमाटर
ठ(THA) ठेला
ड(DA) डलिया
ढ़(DHA) ढ़कन
ण(NNA) -
त(TA) तख्ती
थ(THA) थन
द(DA) दवात
ध(DHA) धनुष
न(NA) नल
प(PA) पतंग
फ(PHA) फल
ब(BA) बकरी
भ(BHA) भेड़
म(MA) मछली
य(YA) यज्ञ
र(RA) रथ
ल(LA) लड़की
व(VA) वर्षा
श(SHA) शलगम
ष(SHA) षट्कोण
स(SA) स्लेटी
ह(HA) हल
क्ष(KSHA) क्षत्रिय
त्र(TRA) त्रिशूल
ज्ञ (GYA) ज्ञानी
संयुक्त व्यंजन
दो व्यंजनों के योग से बने हुए व्यंजनों को 'संयुक्त-व्यंजन' कहते हैं।
हिन्दी में निम्नलिखित तीन व्यंजन 'संयुक्त-व्यंजन' हैं।
- क् + ष = क्ष
- त् + र = त्र
- ज् + ञ = ज्ञ
व्यंजन के भेद
व्यंजन के 4 भेद होते हैं।
- स्पर्श
- स्पर्श- संघर्षी
- अंत:स्थ व्यंजन
- ऊष्म (संघर्षी) व्यंजन
1.स्पर्श
वर्ग उच्चारण स्थान अघोष अल्पप्राण अघोष महाप्राण सघोष अल्पप्राण सघोष महाप्राण नासिक्य
कंठ्य गला क ख ग घ ड़
मूर्धन्य तालु का मूर्धा भाग ट ठ ड ढ ण
दंत्य दाँत त थ द ध न
ओष्ठ्य दोनों होठ प फ ब भ म
2.स्पर्श- संघर्षी
वर्ग उच्चारण स्थान अघोष अल्पप्राण अघोष महाप्राण सघोष अल्पप्राण सघोष महाप्राण नासिक्य
तालव्य तालु च छ ज झ ञ
3.अंत:स्थ व्यंजन
य- (सघोष अल्पप्राण, तालव्य, उच्चारण स्थान- तालु)
र- (सघोष अल्पप्राण, वर्त्स्य, उच्चारण स्थान- दंतमूल)
ल- (सघोष अल्पप्राण, वर्त्स्य, उच्चारण स्थान- दंतमूल)
व- (सघोष अल्पप्राण, दंतोष्ठ्य, उच्चारण स्थान- निचले होंठ और ऊपर के दाँत)
4.ऊष्म (संघर्षी) व्यंजन
श- (अघोष, तालव्य, उच्चारण स्थान- तालु)
ष- (अघोष, मूर्धन्य, उच्चारण स्थान- तालु का मूर्धा भाग)
स- (अघोष, वर्त्स्य, उच्चारण स्थान- दंतमूल)
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