स्वर (Vowels)
हिंदी वर्णमाला में 48 वर्ण होते हैं जिनमें 11 स्वर होते हैं।
स्वर के प्रकार
स्वर तीन प्रकार के होते हैं।
- (i) ह्स्व स्वर (लघु स्वर)
- (ii) दीर्घ स्वर
- (iii) प्लुत स्वर
ह्स्व स्वर (लघु स्वर)
(i) ह्स्व स्वर - लघु स्वरऐसे स्वर जिनको बोलने में कम समय लगता है उनको ह्स्व स्वर (Hsv Swar) कहते हैं। इनकी संख्या 4 होती हैं।
अ, इ, उ, ऋ
दीर्घ स्वर
(ii) दीर्घ स्वरऐसे स्वर जिनको बोलने में अधिक समय लगता है उनको दीर्घ स्वर (Dirgh Swar) कहते हैं। इनकी संख्या 7 होती है।
आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
नोट – दीर्घ स्वर स्वतंत्र ध्वनियाँ हैं न कि हृस्व स्वरों का दीर्घ रूप।
प्लुत स्वर
(iii) प्लुत स्वरअयोगवाह (Ayogvah)
यह दो होते हैं।
अं, अः
अं को अनुस्वार कहते हैं
अ: को विसर्ग कहते हैं
स्वरों का मात्रा के रूप में उपयोग
स्वरों का मात्रा के रूप में निम्न प्रकार उपयोग किया जाता है :
इसके लिए आपको पता होना चाहिए की मात्राएँ क्या होती है / मात्रा किसे कहते है।
मात्राएँ
स्वरों के बदले हुए स्वरूप को मात्रा कहते हैं स्वरों की मात्राएँ निम्नलिखित हैं:
स्वर मात्राएँ शब्द
अ × कम
आ ा काम
इ ि किसलय
ई ी खीर
उ ु गुलाब
ऊ ू भूल
ऋ ृ तृण
ए े केश
ऐ ै है
ओ ो चोर
औ ौ चौखट
नोट – अ वर्ण (स्वर) की कोई मात्रा नहीं होती। व्यंजनों का अपना स्वरूप निम्नलिखित हैं:
क् च् छ् ज् झ् त् थ् ध् आदि।
नोट – अ लगने पर व्यंजनों के नीचे का (हल) चिह्न हट जाता है। तब ये इस प्रकार लिखे जाते हैं:
क च छ ज झ त थ ध आदि।
अं अंग
अः -
स्वर याद कैसे करें
बच्चो के लिए स्वर को याद करने का यह तरीका सरल व सरस है।
स्वर बच्चे ऐसे याद करें
अ अनार
आ आम
इ इमली
ई ईख
उ उल्लू
ऊ ऊँन
ऋ ऋषि
ए एड़ी
ऐ ऐनक
ओ ओखली
औ औरत
अं अंग
अः -
Hindi vyanjan || स्वर व्यंजन || हिंदी व्याकरण
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